Chardham Yatra News: उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश और बिगड़ते मौसम ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। प्रदेश में जारी चारधाम यात्रा को तत्काल प्रभाव से 24 घंटों के लिए रोक दिया गया है। यह निर्णय मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश के अलर्ट और प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हो रही तबाही के बाद लिया गया है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने इस खबर की पुष्टि की है।
उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में, लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन और भू-धंसाव की घटनाएं बढ़ गई हैं। कई जगहों पर सड़कों पर भारी मलबा आ गया है, तो कहीं पहाड़ों से बड़े-बड़े बोल्डर (चट्टानें) गिर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, चारधाम यात्रा के प्रमुख राजमार्ग और संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे हजारों श्रद्धालु और पर्यटक विभिन्न स्थानों पर फंस गए हैं। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है।
इन प्रमुख स्थानों पर रोके जा रहे हैं श्रद्धालु
प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर रोका जा रहा है।
- चमोली जिले में बद्रीनाथ, पांडुकेश्वर, जोशीमठ, चमोली, और कर्णप्रयाग में सभी यात्रियों को आगे जाने से मना कर दिया गया है। पीपलकोटी में भी कुछ तीर्थयात्रियों को सुरक्षित ठहराया गया है।
- जोशीमठ से आगे किसी भी तीर्थयात्री को बद्रीनाथ धाम की ओर जाने की अनुमति नहीं है।
- पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार के अनुसार, लगातार हो रही बारिश और जगह-जगह लैंडस्लाइड की वजह से यात्रियों को सुरक्षित रोकना आवश्यक हो गया है।
- गढ़वाल कमिश्नर ने हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, और विकासनगर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रोककर उन्हें मौसम की जानकारी देने और आगे न बढ़ने की सलाह देने के निर्देश दिए हैं।
उफान पर गंगा, मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ा
पहाड़ों पर लगातार मूसलाधार बारिश होने से देवभूमि की जीवनदायिनी गंगा नदी का जलस्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ गया है। ऋषिकेश में गंगा नदी चेतावनी स्तर (Warning Level) से महज 65 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट समेत कई प्रमुख घाटों के प्लेटफॉर्म पानी में डूब गए हैं और गंगा का पानी घाटों के ऊपर तक पहुंच गया है। अगर पहाड़ों में बारिश इसी तरह जारी रही, तो यह बढ़ा हुआ जलस्तर मैदानी इलाकों, विशेषकर हरिद्वार, उत्तर प्रदेश और बिहार में बाढ़ का कारण बन सकता है।
बारिश से सड़कें बहीं, गांवों का संपर्क टूटा
भारी बारिश ने रुद्रप्रयाग जिले में भी भारी तबाही मचाई है। जिले के जखोली ब्लॉक के बांगर क्षेत्र में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बांगर पट्टी को जोड़ने वाला मुख्य मयाली-रणधार मोटरमार्ग पर पोंठी और मुन्याघर के बीच बना एक मोटरपुल तेज बहाव में बह गया है। इस पुल के बह जाने से पूरी पट्टी का संपर्क मुख्यालय से कट गया है और सैकड़ों लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं।
इसके अलावा, तहसील मुख्यालय बसुकेदार के पास बिजली गिरने से गुप्तकाशी-जखोली मोटर मार्ग का लगभग बीस मीटर हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिससे यह महत्वपूर्ण मार्ग भी बाधित है। कंडाली गाँव के ऊपर खेतों में पहाड़ों से बड़े-बड़े बोल्डर आ गिरे, लेकिन गनीमत रही कि वे खेतों में ही अटक गए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।