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Rajasthan News: सीएम भजनलाल ने एक झटके में निपटाए 38 पेंडिंग केस, कईयों पर गिरी गाज

Published On: June 29, 2025
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Rajasthan News: सीएम भजनलाल ने एक झटके में निपटाए 38 पेंडिंग केस, कईयों पर गिरी गाज
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Rajasthan News: राजस्थान से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है, जहाँ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी “जीरो टॉलरेंस” नीति को जमीन पर उतारते हुए एक बड़ा और कड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। प्रदेश में सुशासन और पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने के अपने संकल्प को दोहराते हुए, सीएम शर्मा ने राज्य सेवा के अधिकारियों से जुड़े 38 से अधिक लंबित मामलों का निपटारा कर दिया है। इस बड़ी कार्रवाई ने पूरे प्रशासनिक महकमे में एक सख्त संदेश भेज दिया है।

लंबे समय से अटके मामलों का हुआ निपटारा

अधिक जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में सुशासन को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, अभियोजन स्वीकृति (prosecution sanction) और आपराधिक कानून की धारा 17-ए के तहत अटके हुए 38 महत्वपूर्ण मामलों को मंजूरी देकर उनका तत्काल निपटारा कर दिया है। यह कार्रवाई महीनों और कुछ मामलों में सालों से लंबित थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद फाइलों पर तेजी से निर्णय लिया गया है। यह कदम भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेह प्रशासन की स्थापना की दिशा में उनके दृढ़ संकल्प को स्पष्ट रूप से दर्शाता है

इन अधिकारियों को किया गया सेवा से मुक्त

मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही के दो गंभीर मामलों में अत्यंत सख्त रुख अपनाया। इन प्रकरणों में लिप्त दो सेवारत अधिकारियों को सीधे सेवा से बर्खास्त (terminate) करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इनमें से एक मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा था, जबकि दूसरा अधिकारी लंबे समय से अपनी ड्यूटी से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहा था। यह फैसला न केवल उन दोनों अधिकारियों के लिए एक सबक है, बल्कि उन सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी एक स्पष्ट चेतावनी है जो अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतते हैं या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं।

सेवानिवृत्त भ्रष्ट अधिकारियों पर भी गिरी गाज, पेंशन पर रोक

भजनलाल सरकार का एक्शन सिर्फ सेवारत अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रहा। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में, पुराने लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए 9 सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन पर स्थायी या आंशिक रूप से रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ सेवा में रहते हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप साबित हुए थे। इसके अलावा, चार अन्य सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ पुख्ता आरोपों के आधार पर विभागीय जांच शुरू करने की भी मंजूरी दी गई है।

इस कार्रवाई का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी से जुड़ा है, जिनकी पेंशन को रोकने की सिफारिश राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दी है। चूँकि IAS अधिकारी केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अधीन आते हैं, इसलिए अंतिम निर्णय वहीं से लिया जाएगा। यह कदम दर्शाता है कि सरकार पद और पहुँच की परवाह किए बिना निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।


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