Haryana Monsoon: हरियाणा के निवासियों के लिए गर्मी से राहत की बड़ी खबर है। दक्षिण-पश्चिम मानसून अब प्रदेश में पूरी तरह से सक्रिय हो गया है और इसके प्रभाव से राज्य के सभी 22 जिलों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज भी पूरे राज्य के लिए बारिश का येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है। पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले कुछ घंटों में कई इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश होने की संभावना है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी।
किन जिलों में होगी सबसे ज्यादा बारिश?
मौसम विभाग ने बारिश की तीव्रता के आधार पर जिलों को वर्गीकृत किया है।
- भारी बारिश का अलर्ट (75% से 100% संभावना): राज्य के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में मानसून का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत में भारी बारिश की प्रबल संभावना जताई गई है। इन जिलों के निवासियों को जलभराव जैसी स्थिति के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- मध्यम से भारी बारिश (50% से 75% संभावना): कैथल, जींद, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल जिलों में मध्यम से लेकर भारी बारिश हो सकती है।
- हल्की से मध्यम बारिश (25% से 50% संभावना): पश्चिमी हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी में बारिश की संभावना अपेक्षाकृत कम है, लेकिन यहां भी हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
बीते दिन भी मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया था, लेकिन असर कुछ ही इलाकों तक सीमित रहा और हल्की या मध्यम बारिश ही दर्ज की गई। हालांकि, अब सिस्टम और मजबूत हो गया है और विभाग ने अगले तीन दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव और बारिश के आंकड़े
बारिश के कारण जहां ज्यादातर इलाकों में तापमान गिरा है, वहीं पिछले 24 घंटों में कुछ क्षेत्रों में इसमें बदलाव भी देखा गया। सबसे ज्यादा तापमान वृद्धि सिरसा में हुई, जहां पारा 3.4 डिग्री बढ़कर 38.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो शायद बारिश से पहले की उमस का नतीजा है।
अगर इस साल मानसून के प्रदर्शन की बात करें, तो यह पिछले साल से कहीं बेहतर रहा है।
- जून 2024: पिछले साल जून महीने में सिर्फ 29.3 मिमी बारिश हुई थी, जो सामान्य (55.3 मिमी) से 47% कम थी, जिससे सूखे जैसे हालात बन गए थे।
- जून 2025: वहीं इस साल, 1 जून से 26 जून तक, हरियाणा में अब तक 51.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो सामान्य से 20% ज्यादा है।
यह आंकड़े प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी हैं, जो धान और अन्य खरीफ फसलों की बुवाई का इंतजार कर रहे थे। इस बारिश से न केवल भूजल स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि कृषि गतिविधियों में भी तेजी आएगी।