New Railway Line: हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निवासियों के लिए एक ऐसी ऐतिहासिक खुशखबरी आई है, जिसका वे पिछले 50 वर्षों से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। दशकों का यह लंबा इंतजार अब आखिरकार खत्म होने जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने उस बहुप्रतीक्षित रेल लाइन परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है, जो न केवल इन तीनों राज्यों को आपस में जोड़ेगी, बल्कि हरियाणा के मेवात जैसे पिछड़े क्षेत्र के विकास की नई कहानी लिखेगी। मेवात के लोगों का ट्रेन को करीब से देखने और उसमें सफर करने का सपना अब हकीकत में बदलने वाला है।
₹2,500 करोड़ की परियोजना: क्या है पूरा प्लान?
इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए रेलवे को ₹2,500 करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। यह 104 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (104 KM long rail line) दिल्ली से शुरू होकर हरियाणा के सोहना, नूंह और फिरोजपुर झिरका होते हुए सीधे राजस्थान के अलवर शहर को जोड़ेगी। इस नए रेल रूट पर शुरुआती तौर पर सात नए रेलवे स्टेशन (Seven new railway stations) बनाने का प्रस्ताव है, हालांकि भविष्य में जरूरत के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। परियोजना को तेज गति से पूरा करने के लिए बाकी सभी औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे अगले तीन सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
आजादी के बाद से चली आ रही थी मांग
इस रेल लाइन की मांग कोई नई नहीं है। इसका इतिहास लगभग आधी सदी पुराना है। पहली बार इस मांग को वर्ष 1971 में तत्कालीन गुड़गांव के सांसद मरहूम चौधरी तैयब हुसैन ने संसद में उठाया था। उन्होंने मेवात क्षेत्र को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ने की पुरजोर वकालत की थी। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा एक सर्वेक्षण भी कराया गया, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी।
तब से लेकर आज तक, जब भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव हुए, लगभग सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने नूंह (मेवात) को रेलवे लाइन से जोड़ने का वादा किया। इस परियोजना को लेकर अलग-अलग समय पर पांच बार सर्वेक्षण (Survey conducted five times) भी हुए, लेकिन हर बार यह योजना फाइलों में ही दबी रह गई।
आखिरकार मिली मंजिल
पिछले बजट में मोदी सरकार ने राज्य सरकार की सिफारिश पर इस योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इससे पहले, दिसंबर 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर सिंह और गुड़गांव से सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद में मेवात क्षेत्र में रेल लाइन की कमी का मुद्दा प्रभावी ढंग से उठाया था। राव इंद्रजीत सिंह ने जोर देकर कहा था कि यह रेल सुविधा देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक, नूंह की तकदीर बदल देगी। इससे यह जिला पिछड़ेपन के टैग (tag of backwardness) से मुक्त होगा, यहां नए उद्योग लगेंगे और विकास की मुख्यधारा से यह इलाका पूरी तरह जुड़ जाएगा। इस नई रेल लाइन से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि व्यापार और रोजगार के भी हजारों नए अवसर पैदा होंगे।