Punjab News: सरकारी आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं (Rural Health Services in Punjab) की अपर्याप्तता एक लंबे समय से चली आ रही गंभीर चुनौती रही है। इस कमी के कारण, ग्रामीण आबादी को मामूली से लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी कई किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर शहरों का रुख करना पड़ता है। अक्सर, समय पर उचित चिकित्सा उपचार (Medical Treatment) न मिल पाने के कारण मरीजों की स्थिति और बिगड़ जाती है, जिससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ता है बल्कि कई बार जान का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है। जिला अस्पतालों और उपमंडल (सब-डिवीजनल) अस्पतालों पर मरीजों का अत्यधिक बोझ होने के कारण, वहां पहुंचने पर भी उन्हें घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनकी पीड़ा और बढ़ जाती है।
इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए और आमजन को उनके घर के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के अपने संकल्प के अनुरूप, पंजाब सरकार ने राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे (Rural Health Infrastructure) को अभूतपूर्व रूप से मजबूत करने और उसका आधुनिकीकरण करने के लिए कई ठोस और दूरगामी कदम उठाए हैं। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक को, चाहे वह कहीं भी रहता हो, गुणवत्तापूर्ण और समय पर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हों।
निम्नलिखित नई स्वास्थ्य परियोजनाओं को हरी झंडी:
पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में कई महत्वपूर्ण नई स्वास्थ्य परियोजनाओं (New Health Projects in Punjab) को मंजूरी दी गई है, जिनसे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार आने की उम्मीद है:
- ग्राम जीदा में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC): जीदा गांव में लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ₹2.76 करोड़ की लागत से एक सर्वसुविधायुक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre – PHC) का निर्माण किया जाएगा। यह केंद्र आसपास के कई गांवों के लिए जीवन रेखा साबित होगा।
- भगता भाईका में ब्लड स्टोरेज रूम: भगता भाईका में आपातकालीन स्थितियों में रक्त की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ₹46 लाख की लागत से एक आधुनिक ब्लड स्टोरेज रूम (Blood Storage Room) स्थापित किया जाएगा। इससे प्रसव के मामलों और दुर्घटना पीड़ितों को समय पर रक्त मिल सकेगा।
- रामपुरा फूल उपमंडल अस्पताल का विस्तार: रामपुरा फूल स्थित उपमंडल अस्पताल में मरीजों के बढ़ते दबाव और विशेष सेवाओं की आवश्यकता को देखते हुए, ₹5.90 करोड़ की अनुमानित लागत से एक नया ब्लॉक (New Hospital Block) बनाया जाएगा। इससे अस्पताल की क्षमता बढ़ेगी और बेहतर इलाज संभव होगा।
- ग्राम मैसरखाना में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: मैसरखाना गांव और आसपास के क्षेत्र के निवासियों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए ₹3.39 करोड़ की लागत से एक नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC at Maisarkhana) स्थापित किया जाएगा।
नशा मुक्ति और कल्याण केंद्रों का विस्तार:
- केंद्रीय जेल बठिंडा में नशा मुक्ति केंद्र: समाज में नशे की बढ़ती समस्या से निपटने और कैदियों को मुख्यधारा में वापस लाने में मदद करने के लिए, केंद्रीय जेल बठिंडा (Central Jail Bathinda) में ₹63 लाख की लागत से एक समर्पित नशा मुक्ति केंद्र (De-addiction Center) स्थापित किया जाएगा।
- गांवों में स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का जाल: इसके साथ ही, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के डिवीजन-1 और डिवीजन-2 द्वारा जिले के विभिन्न गांवों में व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (Health and Wellness Centers – HWCs) का निर्माण किया जाएगा।
- डिवीजन-1 के अंतर्गत: ₹2.21 करोड़ की लागत से ज्योंद, दयालपुरा, रैय्या, जलाल, सलाबतपुरा, बुर्ज लाडी और कमालू जैसे गांवों में इन केंद्रों का निर्माण होगा।
- डिवीजन-2 के अंतर्गत: ₹5.47 करोड़ की भारी लागत से गंगा, जोधपुर पाखर, ज्ञान, सिंगो, भागीवंदर, कलालवाला, पथराला, देवन, हरराईपुर, अबलू, महिमा सरजा, बल्लूआना, नंदगढ़, जगराम तीर्थ और नांगला जैसे महत्वपूर्ण गांवों में इस परियोजना का शुभारंभ किया जाएगा। ये केंद्र बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को सीधे ग्रामीणों तक पहुंचाएंगे।
बठिंडा सिविल अस्पताल का उन्नयन:
बठिंडा के सबसे बड़े सिविल अस्पताल (Civil Hospital Bathinda), जो पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रमुख रेफरल केंद्र है, में मरीजों और स्टाफ की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए ₹3.11 करोड़ की लागत से एक नई फार्मेसी, एक आधुनिक कंट्रोल रूम, एक बड़ी और स्वच्छ कैंटीन और एक सुव्यवस्थित स्टोर रूम का निर्माण किया जाएगा। पहले, स्टोर रूम में जगह की कमी के कारण अक्सर दवाओं को असुरक्षित ढंग से बाहर रखना पड़ता था, जिससे उनके खराब होने का खतरा बना रहता था। इस नए निर्माण से दवाओं का उचित, सुरक्षित और तापमान-नियंत्रित भंडारण (Medicine Storage) संभव हो सकेगा। साथ ही, मरीजों और उनके परिचारकों के लिए एक विशाल और सुविधाजनक कैंटीन भी उपलब्ध कराई जाएगी, जहाँ उन्हें स्वच्छ भोजन मिल सकेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार:
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को और व्यापक बनाने तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह को दूरदराज के गांवों तक सुलभ बनाने के उद्देश्य से, स्वास्थ्य विभाग ₹2 करोड़ की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन संकाय (Telemedicine Services Punjab) का भी विस्तार कर रहा है। इस पहल के माध्यम से, गांव में बैठे मरीज भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या अन्य डिजिटल माध्यमों से शहर के विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।
मौजूदा स्वास्थ्य नेटवर्क और विस्तारित सेवाएं:
वर्तमान में, जिले में 46 आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक (Aam Aadmi Mohalla Clinics) सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 11 को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (Ayushman Arogya Mandir) में परिवर्तित कर दिया गया है, ताकि अधिक व्यापक सेवाएं प्रदान की जा सकें। जिले में कुल 126 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWCs) और 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHCs) पहले से ही क्रियाशील हैं और आमजन को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
ये सभी केंद्र सामान्य बीमारियों का इलाज, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं (Maternal and Child Health Services), किशोरों की स्वास्थ्य देखभाल, टी.बी. (क्षय रोग) और कुष्ठ रोग जैसे संक्रामक रोगों का उपचार, लगभग 80 प्रकार की आवश्यक दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराना और बुनियादी नैदानिक सुविधाएं (जैसे खून की जांच, पेशाब की जांच आदि) प्रदान करते हैं। अब ये सभी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं नए बनने वाले केंद्रों और मोहल्ला क्लीनिकों में भी व्यापक रूप से दी जाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के माध्यम से गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच (Accessibility of Health Services) में उल्लेखनीय सुधार करके, मरीज अपने घरों के पास ही गुणवत्तापूर्ण इलाज करा सकेंगे। इससे न केवल उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा, बल्कि शहरों के बड़े अस्पतालों, विशेषकर जिला और अनुमंडल अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव भी कम होगा, जिससे वे गंभीर और जटिल मामलों पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह पंजाब के समग्र स्वास्थ्य सूचकांक (Health Index Punjab) को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।