PM: नई दिल्ली में मंगलवार को एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री नारायण गुरु और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच हुई युगांतकारी बातचीत की शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, पीएम मोदी ने न केवल इन दो महापुरुषों के विचारों की प्रासंगिकता को रेखांकित किया, बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत की रक्षा तैयारियों पर भी एक सशक्त और निर्णायक संदेश दुनिया को दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब बदल चुका है और किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
“खून बहाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”: आतंकवाद पर भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ भारत की अटल प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “दुनिया ने हाल ही में देखा है कि भारत क्या कर सकता है। हमने यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय नागरिकों का खून बहाने वालों के लिए दुनिया में कोई भी कोना सुरक्षित नहीं है। उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।” इस संदर्भ में, उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने गर्व के साथ बताया, “हमने केवल 22 मिनट के भीतर दुश्मनों को उनके घुटनों पर ला दिया।” यह कथन भारत की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और आतंकवाद विरोधी अभियानों में उसकी बढ़ती दक्षता को दर्शाता है। यह संदेश स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के मजबूत रुख को भी प्रदर्शित करता है, खासकर पड़ोसी देशों से उत्पन्न होने वाले खतरों के प्रति।
“ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)”: भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक
हालांकि “ऑपरेशन सिंदूर” के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक डोमेन में सीमित है, प्रधानमंत्री द्वारा इसका उल्लेख यह दर्शाता है कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सफल सैन्य अभियान रहा होगा, जिसने भारत के दुश्मनों को कड़ा सबक सिखाया। इस ऑपरेशन की सफलता न केवल भारतीय सेना की बहादुरी और रणनीति का प्रमाण है, बल्कि यह नई रक्षा तकनीकों और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का भी परिचायक है। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐसे ऑपरेशन भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत अब ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों से लड़ रहा है: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat in Defence) की ओर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा, “पहले भारत को अपनी रक्षा जरूरतों और हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। हमारे सशस्त्र बल देश में निर्मित, ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों (Made in India Weapons) से और अधिक सशक्त हो रहे हैं।” उन्होंने आगे बताया, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी हमारी सेनाओं ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित हथियारों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा निर्मित हथियार और उपकरण पूरी दुनिया में अपनी गुणवत्ता और मारक क्षमता के लिए पहचाने जाएंगे।” यह भारतीय रक्षा उद्योग (Indian Defence Industry) के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है और इससे न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
श्री नारायण गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि: सामाजिक समरसता और समानता के प्रणेता
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने महान समाज सुधारक श्री नारायण गुरु (Shri Narayan Guru) को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने श्री नारायण गुरु के सिद्धांतों को भारत के लिए शाश्वत प्रेरणास्रोत बताया। पीएम मोदी ने कहा, “श्री नारायण गुरु समाज के लिए एक ऐसे प्रकाश स्तंभ थे, जिन्होंने सदैव समानता, मानवता और सामाजिक समरसता की बात की। जब भी मैं समाज के वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कोई निर्णय लेता हूं, तो मुझे गुरूदेव श्री नारायण गुरु के विचार और उनके दिखाए मार्ग याद आते हैं। उन्होंने समाज को एकता और समानता का मार्ग दिखाकर एक मजबूत राष्ट्र की नींव रखी।” उनके उपदेश आज भी सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं।
महिलाओं के अधिकार और सशक्तिकरण: नए भारत की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास (Women-led Development) को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने उल्लेख किया, “आजादी के इतने वर्षों बाद भी कुछ स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध जैसी कुरीतियां विद्यमान थीं, जिन्हें हमारी सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ समाप्त किया है। आज हमारी बेटियां शिक्षा, खेल, विज्ञान, रक्षा, यहां तक कि दरबार से लेकर अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर रही हैं। हमने समाज में व्याप्त लैंगिक भेदभाव (Gender Discrimination) को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।” यह दर्शाता है कि सरकार समावेशी विकास के लक्ष्य को लेकर कितनी गंभीर है।
संकट काल में भारत: महापुरुषों का मार्गदर्शन
प्रधानमंत्री ने भारत की एक अनूठी विशेषता का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत की यह खूबी रही है कि जब भी देश किसी बड़े संकट या चुनौती का सामना करता है, कोई न कोई महान विभूति अवतरित होती है और समाज को एक नई दिशा प्रदान करती है।” उन्होंने कहा कि आज से 100 साल पहले श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक मुलाकात ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian Freedom Struggle) को एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की थी। वह मुलाकात आज भी सामाजिक एकता (Social Unity), समरसता और विकसित भारत (Developed India) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी के लिए एक महान प्रेरणा है।
यह भाषण न केवल भारत की वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति (Geopolitical Situation) और रक्षा क्षमताओं पर प्रकाश डालता है, बल्कि देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों और भविष्य की आकांक्षाओं को भी दर्शाता है। “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे सफल अभियान और “मेड इन इंडिया” पर बढ़ता जोर एक नए, आत्मविश्वास से भरे भारत की तस्वीर पेश करते हैं।