Property Rights Haryana: हरियाणा प्रदेश के लाखों किसानों और भूमि मालिकों के लिए एक बड़ी और अत्यंत महत्वपूर्ण खुशखबरी है, जो उनके वर्षों पुराने सिरदर्द को खत्म करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगी। अब प्रदेश में पुश्तों से चले आ रहे जटिल भूमि विवादों (Land Disputes in Haryana) को हल करने की प्रक्रिया में अभूतपूर्व तेजी आएगी और संयुक्त परिवारों के बीच फंसी संपत्ति के विभाजन (Property Partition) के मामले भी जल्द निपट सकेंगे। हरियाणा सरकार ने इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “हरियाणा भूमि राजस्व (संशोधन) अधिनियम” (Haryana Land Revenue (Amendment) Act) को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है। यह नया भूमि कानून हरियाणा (New Land Law Haryana) उन अनगिनत मामलों में बड़ी राहत प्रदान करेगा, जहाँ संयुक्त परिवारों के बीच भूमि के स्वामित्व (Land Ownership) को अनबन बनी हुई थी, जिससे न केवल पारिवारिक रिश्तों में खटास आ रही थी बल्कि कृषि विकास भी बाधित हो रहा था।
क्या बदलेगा इस नए संशोधन से? क्यों थी इसकी ज़रूरत?
बताया जा रहा है कि यह भूमि सुधार कानून (Land Reform Act Haryana) उन प्रमुख और व्यापक समस्याओं का स्थायी समाधान प्रस्तुत करता है, जिनमें एक ही परिवार के कई सदस्यों, जैसे भाई-बहन, चाचा-ताऊ या अन्य करीबी रिश्तेदारों के पास संयुक्त रूप से जमीन का एक बड़ा टुकड़ा होता है (Joint Land Holdings)। पहले की व्यवस्था के तहत, एक बड़ी अड़चन यह थी कि यदि सभी सह-मालिक (Co-owners) भूमि के आपसी सहमति से होने वाले विभाजन (Partition by Mutual Consent) पर राजी नहीं होते थे, या कोई एक भी सदस्य अड़ंगा लगाता था, तो सरकार या प्रशासनिक अधिकारी चाहकर भी उस जमीन का आधिकारिक रूप से विभाजन नहीं कर सकते थे। इस वजह से, मामले सालों-साल राजस्व न्यायालयों (Revenue Courts) में लंबित रहते थे और किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब इस महत्वपूर्ण संशोधन के माध्यम से ऐसे अविभाजित भूमि मामले (Undivided Land Cases) को तेज़ी से और ज़्यादा प्रभावी तथा न्यायोचित ढंग से निपटाया जा सकेगा। यह किसानों के लिए खुशखबरी (Good News for Farmers Haryana) है।
डॉ. मिश्रा ने बताया इस संशोधन का महत्व:
इस महत्वपूर्ण कानूनी बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तीय आयुक्त (राजस्व) श्री टीवीएसएन प्रसाद (Dr. TVSN Prasad, ACS Revenue Haryana, के मार्गदर्शन में कार्य करने वाले वरिष्ठ अधिकारी या प्रवक्ता, जैसा कि लेख में डॉ. मिश्रा का उल्लेख है, जो संभवतः राजस्व विभाग से जुड़े हों) ने बताया कि ये संशोधन राज्य में भूमि प्रशासन (Land Administration) को अधिक तेज़, सरल, पारदर्शी और सबसे महत्वपूर्ण, नागरिक केंद्रित (Citizen-centric) बनाने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। इस हरियाणा सरकारी पहल (Haryana Government Initiative) का उद्देश्य न केवल अदालतों और राजस्व कार्यालयों में लंबित पड़े हजारों भूमि विवादों के बोझ को कम करना है, बल्कि प्रत्येक भूमि मालिक के पूर्ण स्वामित्व (Absolute Ownership) और अपने हिस्से की भूमि के स्वतंत्र और निर्बाध उपयोग के मौलिक अधिकार को भी सुनिश्चित करना है। अब हर सह-मालिक को अपने हिस्से की जमीन का कानूनी रूप से स्पष्ट और पृथक स्वामित्व प्राप्त हो सकेगा, जिससे वह उस पर अपनी इच्छानुसार खेती, निर्माण या अन्य कोई वैध गतिविधि कर सकेगा।
इस कानूनी सुधार हरियाणा (Legal Reform Haryana) से उम्मीद है कि पारिवारिक सौहार्द बढ़ेगा, मुकदमेबाजी में कमी आएगी और कृषि योग्य भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो पाएगा, जो अंततः राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह अधिनियम संपत्ति अधिकार हरियाणा (Property Rights Haryana) को और सुदृढ़ करने वाला कदम है।