Sikar Accident: प्राप्त विस्तृत जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक सीकर हादसा (Sikar Hadsa) उस समय हुआ जब चारे से लदा एक ओवरलोड ट्रक (Overload Fodder Truck) अनियंत्रित होकर त्रिवेणी धाम के पास पलट गया। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस (Rajasthan Police) मौके पर तो पहुँची और घटनास्थल का मौका मुआयना भी किया। परंतु, ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई। जब तक गंभीरता से बचाव कार्य शुरू होता, तब तक काफी देर हो चुकी थी। मौके पर पड़े चारे के ढेर के नीचे तीन जिंदगियां दबी हुई थीं, जो समय पर मदद न मिलने के कारण मौत के मुंह में समा गईं।
इस भीषण दुर्घटना (Horrific Accident Sikar) में चतरपुरा (Chatarpura) निवासी राजेंद्र गुर्जर (Rajendra Gurjar), उनकी पत्नी अन्नू देवी (Annu Devi) और उनकी महज 3 साल की मासूम बेटी अयांशी (Ayanshi) की दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह परिवार ट्रक में सवार था या उसके आस-पास था, जिसकी चपेट में वे आ गए। इस सीकर ट्रक दुर्घटना (Sikar Truck Accident) के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया।
पुलिस की कथित लापरवाही पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, जमकर विरोध-प्रदर्शन
इस हृदय विदारक घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश (Villagers Protest Sikar) व्याप्त है और वे सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीणों के गुस्से की सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि हादसे के शिकार हुए सभी मृतक रात भर चारे के ढेर के नीचे दबे रहे और उन्हें निकालने के लिए पुलिस प्रशासन ने रात में कोई प्रभावी जहमत नहीं उठाई। सुबह जब बचाव कार्य तेज़ हुआ, तब तक तीनों की सांसें थम चुकी थीं। पुलिस की निष्क्रियता (Police Inaction Allegation) के आरोपों से स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।
परिजनों ने लिखवाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक राजेंद्र गुर्जर के परिजनों ने जब वह देर रात तक घर नहीं लौटे, तो चिंतित होकर अजीतगढ़ थाने (Ajitgarh Police Station) में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट (Missing Person Report) भी दर्ज कराई थी। चूँकि यह दुर्घटना स्थल अजीतगढ़ थाना क्षेत्र की सीमा में आता है, इसलिए अजीतगढ़ थाना प्रभारी, तहसीलदार, और उपखंड अधिकारी सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। वे आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। यह Sikar Accident News पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बनी हुई है।
ग्रामीणों ने बताई दुर्घटनाओं की असली वजह, सड़क सुरक्षा पर उठाए सवाल
मौके पर मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई है, वहां सड़क की चौड़ाई बेहद कम (Narrow Road Width) है और यह एक दर्रा (पहाड़ी ढलान वाला रास्ता) भी है, जिसकी वजह से यहां आए दिन दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि यह पूरा रास्ता तीव्र ढलान वाला है और इसमें अत्यधिक खतरनाक घुमावदार मोड़ (Dangerous Turns) भी हैं। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि इस खतरनाक मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज़ से रिफ्लेक्टर (Reflectors) भी नहीं लगे हुए हैं, जिससे रात के समय दुर्घटना की आशंका और भी बढ़ जाती है। इस ब्लैक स्पॉट सीकर (Black Spot Sikar) पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया।
यह भयानक सड़क दुर्घटना सीकर (Terrible Road Accident Sikar) सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही की एक दुखद तस्वीर पेश करती है। इस घटना ने एक बार फिर ओवरलोडिंग, सड़कों की बदहाली और दुर्घटना के बाद बचाव कार्यों में तत्परता की कमी जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया है।