The Traitors: अगर आपको करण जौहर (Karan Johar) के नए ओटीटी शो ‘द ट्रेटर्स इंडिया’ (The Traitors India) का साइकोलॉजिकल ड्रामा, सस्पेंस और धोखे का खेल पसंद आया है, तो आप अकेले नहीं हैं। यह शो इस बात का सबूत है कि दर्शकों को हमेशा से ही विश्वासघात (betrayal) और धोखे की कहानियां आकर्षित करती रही हैं। कौन दोस्त है और कौन दुश्मन, इस सवाल का जवाब ढूंढने का रोमांच ही कुछ और है। ‘द ट्रेटर्स’ में जिस तरह प्रतियोगी एक-दूसरे के भरोसे को तोड़ते हैं और अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जाते हैं, ठीक वैसा ही रोमांच आपको बॉलीवुड की कई बेहतरीन फिल्मों में भी मिल सकता है।
यह शो एक मनोवैज्ञानिक खेल (psychological game) पर आधारित है, जहाँ वफादारी की परीक्षा होती है और हर कदम पर धोखा मिलता है। अगर आप भी इसी तरह के सस्पेंस और थ्रिलर (suspense and thriller) के शौकीन हैं और ओटीटी पर कुछ नया ढूंढ रहे हैं, तो हमने आपके लिए धोखे और विश्वासघात पर बनी कुछ बेहतरीन भारतीय फिल्मों की एक लिस्ट तैयार की है। ये फिल्में आपका दिमाग घुमा देंगी और आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी कि क्या वाकई किसी पर भरोसा किया जा सकता है।
1. ओमकारा (Omkara) – शक और विश्वासघात की एक दर्दनाक कहानी
विशाल भारद्वाज की यह फिल्म शेक्सपियर के मशहूर नाटक ‘ओथेलो’ का एक शानदार भारतीय रूपांतरण है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे एक छोटा सा शक और एक करीबी दोस्त का विश्वासघात एक खुशहाल जिंदगी को तबाह कर सकता है। फिल्म में लंगड़ा त्यागी (सैफ अली खान द्वारा निभाया गया किरदार) एक ऐसा ‘ट्रेटर’ है, जो अपने बॉस ओमकारा शुक्ला (अजय देवगन) के मन में उसकी पत्नी के खिलाफ ज़हर घोल देता है। यह फिल्म धोखे (deception), ईर्ष्या और उसके भयानक परिणामों का एक शक्तिशाली चित्रण है। अगर आपको ‘द ट्रेटर्स’ का माइंड गेम पसंद आया, तो लंगड़ा त्यागी का किरदार आपको ज़रूर पसंद आएगा, जो अपने मतलब के लिए रिश्तों को आग लगा देता है। यह बॉलीवुड की बेस्ट थ्रिलर फिल्मों (best thriller movies of Bollywood) में से एक है।
2. अंधाधुन (Andhadhun) – जब हर किरदार हो धोखेबाज़
अगर आपको ट्विस्ट और टर्न्स पसंद हैं, तो श्रीराम राघवन की ‘अंधाधुन’ आपके लिए ही बनी है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसमें आप आखिरी पल तक यह अनुमान नहीं लगा सकते कि कौन सच बोल रहा है और कौन धोखा दे रहा है। एक अंधे पियानो प्लेयर (आयुष्मान खुराना) की कहानी, जो एक मर्डर का गवाह बन जाता है, आपको अपनी सीट से बांधे रखेगी। इस फिल्म में हर किरदार अपने स्वार्थ के लिए दूसरे को धोखा देता है। यह फिल्म इस बात का सटीक उदाहरण है कि कैसे झूठ और धोखे का जाल (web of lies and deceit) किसी को भी फंसा सकता है। ‘द ट्रेटर्स’ की तरह ही, यहाँ भी आपको हर किरदार पर शक होगा। यह एक मास्टरपीस साइकोलॉजिकल थ्रिलर (masterpiece psychological thriller) है, जिसे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी खूब सराहा गया।
3. गैंग्स ऑफ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) – पीढ़ियों तक चलने वाला विश्वासघात
अनुराग कश्यप की यह कल्ट क्लासिक फिल्म सिर्फ गैंगवार और बदले की कहानी नहीं है, बल्कि यह पीढ़ियों से चले आ रहे विश्वासघात की भी कहानी है। फिल्म में परिवार के सदस्य, दोस्त और सहयोगी सत्ता और पैसे के लिए एक-दूसरे की पीठ में छुरा घोंपते हैं। फैज़ल खान और रामाधीर सिंह के बीच की दुश्मनी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहाँ धोखा सिर्फ बाहरी दुश्मनों से नहीं, बल्कि ‘आस्तीन के सांप’ यानी अपने ही लोगों से मिलता है। अगर आपको ‘द ट्रेटर्स’ का रॉ और रियल फील पसंद आया, तो ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का खूनी खेल और धोखे की राजनीति (politics of betrayal) आपको ज़रूर पसंद आएगी।
4. मक़बूल (Maqbool) – सत्ता के लिए वफादारी का सौदा
विशाल भारद्वाज की एक और शानदार फिल्म, जो शेक्सपियर के ‘मैकबेथ’ पर आधारित है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे सत्ता का लालच एक वफादार इंसान को सबसे बड़ा धोखेबाज़ बना सकता है। फिल्म में मक़बूल (इरफ़ान ख़ान) अपने बॉस अब्बाजी (पंकज कपूर) का सबसे वफादार आदमी होता है, लेकिन अब्बाजी की प्रेमिका निम्मी (तब्बू) उसे सत्ता हासिल करने के लिए उकसाती है। इसके बाद शुरू होता है विश्वासघात और अपराध (betrayal and crime) का एक ऐसा सिलसिला, जो सबको बर्बाद कर देता है। यह फिल्म उन लोगों के लिए एक परफेक्ट वॉच है, जो यह देखना चाहते हैं कि कैसे एक ‘ट्रेटर’ पैदा होता है और उसकी महत्वाकांक्षा उसे किस हद तक गिरा सकती है।
5. जॉनी गद्दार (Johnny Gaddaar) – जब गैंग में ही हो एक गद्दार
यह फिल्म अपने टाइटल से ही अपनी कहानी बयां कर देती है। श्रीराम राघवन की यह नियो-नोयर थ्रिलर एक ऐसे गैंग की कहानी है, जिसके सदस्य एक डील के दौरान मिले पैसों को लेकर भागने की योजना बनाते हैं, लेकिन उनमें से एक यानी ‘जॉनी’ (नील नितिन मुकेश) सबको धोखा देकर सारे पैसे लेकर भागने का प्लान बनाता है। इसके बाद शुरू होता है चूहे-बिल्ली का खेल, जहाँ हर कोई उस गद्दार को ढूंढ रहा होता है। यह फिल्म ‘द ट्रेटर्स’ के कांसेप्ट के सबसे करीब है, जहाँ एक ग्रुप के अंदर ही एक धोखेबाज़ छिपा होता है और बाकी लोग उसे पहचानने की कोशिश करते हैं। यह एक बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर (suspense thriller) है, जो आपको अंत तक उलझाए रखेगी।
तो अगली बार जब आप कुछ रोमांचक और दिमाग को चुनौती देने वाला कंटेंट देखना चाहें, तो इन फिल्मों को अपनी ओटीटी वॉचलिस्ट (OTT watchlist) में ज़रूर शामिल करें। ये फिल्में आपको दिखाएंगी कि धोखा और विश्वासघात का असली मतलब क्या होता है।